मुठभेड़ मामले में सीबीआई की एफआर / फर्जी नहीं था आनंदपाल एनकाउंटर, दंगे भड़काने के मामले में चार्जशीट पेश, बेटी सहित 24 आरोपी आरोपियों में आनंदपाल की बेटी योगिता और राजपूत नेता कालवी, गाेगामेड़ी सहित कई लोग शामिल जयपुर. सीबीआई ने आनंदपाल एनकाउंटर को फर्जी बताए जाने से जुड़े मामले में एफआर लगा दी है, जबकि इस एनकाउंटर के बाद हुए दंगा मामले में आनंदपाल की बेटी व राजपूत समाज के नेताओं सहित करीब 24 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की है। एफआर में सीबीआई ने कहा है कि आनंदपाल एनकाउंटर फर्जी नहीं था। इसमें पुलिस की विश्वसनीयता पर संदेह करने का काेई कारण नहीं है। एसीजेएम (सीबीआई केसेज) काेर्ट में पेश एफआर में यह भी कहा गया है कि आनंदपाल की एके-47 से ही पुलिस के कमांडाे साेहन सिंह पर गाेलियां चलाई गई थीं। पुलिस ने जान बचाने के लिए फायरिंग की। दूसरी ओर, दंगे भड़काने के मामले में पेश चार्जशीट में आनंदपाल की बेटी याेगिता सिंह, राजपूत समाज के नेता लोकेंद्रसिंह कालवी, सुखदेव सिंह गाेगामेड़ी, रणवीर सिंह गुड़ा, मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष व कांग्रेस नेता हनुमानसिंह खांगटा सहित 24 लाेगाें को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने जांच में माना है कि इन आरोपियों ने सरकार पर दबाव बनाने के श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और भड़काऊ भाषण दिया। इसके बाद अनियंत्रित भीड़ ने नागाैर एसपी के वाहन पर हमला कर आग लगा दी। अब चार्जशीट कार्यालय टिप्पणी के साथ एसीजेएम के समक्ष रखी जाएगी। सीबीआई की पुलिस को क्लीन चिट, आनंदपाल को आत्मसमर्पण के लिए पूरा मौका दिया, लेकिन उसने समर्पण की जगह गोलियां चलाईं एफआर में सीबीआई ने कहा है कि आनंदपाल काे आत्मसमर्पण करने के लिए पूरा माैका दिया गया था। बार-बार चेतावनी के बाद भी उसने समर्पण नहीं किया और पुलिसकर्मियाें पर एके 47 से फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मियाें ने अपनी जान बचाने के लिए फायरिंग की और मारा गया। सीएफएसएल की रिपाेर्ट ने भी माना है कि कमांडाे साेहन काे जाे गाेली लगी थी, वह आनंदपाल के हथियार से चली थी। उसके हाथों में गन शाॅट अवशेष हाेने की पुष्टि हुई। सीबीआई ने पुलिस टीम के बयान, मुठभेड़ में शामिल सभी पुलिसकर्मियेां की काॅल डिटेल, सीएफएसएल, क्राइम सीन के रिक्रिएट करने की रिपाेर्ट, बैलेस्टिक परीक्षण रिपाेर्ट, फायर आर्म्स रिपाेर्ट के आधार पर माना कि आनंदपाल सिंह से एसओजी व पुलिस की असली मुठभेड़ हुई थी। स्थानीय पुलिस की विश्वसनीयता पर कोई संदेह करने का कारण नहीं है कि यह मुठभेड़ वास्तविक नहीं थी। इसलिए कोर्ट से प्रकरण को बंद करने का आग्रह किया गया है। 2017 में हुई थी मुठभेड़ तीन साल पहले 24 जून 2017 को चूरू में हुए एनकाउंटर में आनंदपाल मारा गया था। इसे फर्जी बताते हुए खूब बवाल हुआ था। सांवराद में 12 जुलाई 2017 काे श्रद्धांजलि सभा किए जाने का ऐलान करते हुए लाेगाें काे बड़ी संख्या में आमंत्रित किया गया। भारी विरोध के चलते तत्कालीन राज्य सरकार ने केंद्र से मामले की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया। सीबीआई ने 5 जनवरी 2018 को मामला दर्ज किया था। भड़काऊ भाषण देकर भीड़ को उकसाया, दबाव बनाया सीबीआई ने काेर्ट में 24 आराेपियाें के खिलाफ पेश चार्जशीट में कहा कि आनंदपाल की 24 जून 2017 को पुलिस के एनकाउंटर में माैत हो गई थी, लेकिन राज्य सरकार पर मांगें मनवाने का दबाव बनाने के लिए अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। इस बीच, सांवराद में 12 जुलाई 2017 काे श्रद्धांजलि सभा किए जाने का ऐलान करते हुए लाेगाें काे बड़ी संख्या में आमंत्रित किया गया। सभा में भारी भीड़ एकत्र हुई। मंच से भीड़ को उकसाने वाले भाषण दिए गए। इस दाैरान पथराव किया गया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर एक घर में बंदी भी बना लिया गया था और भीड़ ने हथियार (9 मिमी सर्विस पिस्टल, कारतूस आदि), मोबाइल फोन और अन्य सामान छीन लिए। • दंगा भड़काने के मामले के अन्य आरोपियों में महिपाल सिंह मकराना, योगेंद्रसिंह कतर, दुर्गसिंह, रंजीतसिंह मंगला, रंजीतसिंह गेंदिया, ओकेंद्र राणा, चरणजीत सिंह कंवर, एपी सिंह, सीमा रघुवंशी, गिरिराजसिंह लोटवाड़ा, महावीर सिंह, प्रतापसिंह राणावत, प्रेमसिंह बनवासा, भंवरसिंह रेता, दिलीपसिंह, जब्बरसिंह, मोहनसिंह हट्टौज, युनूस अली, राजेंद्रसिंह गुड़ा व घनश्यामसिंह त्योड शामिल हैं।

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*बारिश में भी सेवा में मुस्तैद रही पुष्कर मेडिकल टीम* पुष्कर के राजकीय अस्पताल के प्रभारी डॉ आरके गुप्ता के नेतृत्व में मेडिकल टीम विपरीत परिस्थितियों में भी पुष्कर को कोरोना से बचाने में पूरे जी जान से जुटी हुई है ।आज बारिश के बावजूद डॉ आरके गुप्ता और उनकी टीम बाइक पर छतरी लेकर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने के लिए पहुची ।वही दूसरी तरफ टीम ने कोरोना जाच के लिये सेम्पल लेने का काम भी जारी रखा ।आज खबरे लिखे जाने तक कोरोना जाच के लिए 28 सेम्पल लिए गए ।डॉ गुप्ता ने बताया कि जब मन मे सेवा का जज्बा होता है तो कोई बाधा आड़े नही आ सकती ।गौरतलब है कि गुप्ता और उनकी टीम ने लाक डाउन शुरू होते ही विदेशी नागरिकों की स्क्रीनिंग कर उन्हें स्वदेश भेजने,प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग कर अपने घर भेजने,वापसी पर इन मजदूरों की कोरोना सेम्पलिंग कर पुष्कर को सुरक्षित रखने,संदिग्धो के सेम्पल लेकर संक्रमण का पता लगाने,संक्रमितों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री खंगालकर संपर्क में आये लोगो की सेम्पलिंग करने,संक्रमित मरीजों के घर जाकर इलाज करने,होम कवारेटाइन करने,जरूरी मरीजों को इलाज के लिये अजमेर भेजने,घर घर जाकर सर्वे का करने सहित कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने में लगातार जुटी हुई है ।
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खूबसूरती को मास्क ने ढंका / लगातार मास्क पहनने से हो रहा 'मास्कने', एक्सपर्ट्स की सलाह- चेहरे को सेफ रखने के लिए मेकअप से दूरी बनाएं, पसीना पोछते रहें • हेल्थ वर्कर्स, दफ्तरों में लगातार मास्क पहनकर काम करने वालों को मास्कने की समस्या ज्यादा • जिनकी स्किन ज्यादा सेंसिटिव है, उन्हें भी खतरा, वे फेसवॉश चेंज करें, कम लेयर के मास्क पहनें • मास्क पहनने से पहले फेस पर पेट्रोलियम जेली और वैसलीन लगा सकते हैं, ताकि फ्रिक्शन न आए खूबसूरत चेहरा किसकी ख्वाहिश नहीं होती...हर किसी की तो होती है। लेकिन, कोरोना ने इस ख्वाहिश पर पहरेदार बिठा रखा है और जिम्मेदारी दे रखी है मास्क को। मास्क भी इसे निभाने पर आमादा है। लेकिन, इसमें जाने-अनजाने उससे थोड़ी सख्ती भी हो जा रही है। चेहरा मासूम और मुलायम जो है। मास्क चेहरों पर अपने निशां छोड़ने लगा है। किसी को रगड़ का दाग, तो कहीं कटने और फटने के निशान। मुहांसे और फुंसी के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इन सबको कहने के लिए एक नया शब्द भी आ धमका है- ‘मास्कने’। इस महामारी ने कई शब्द गढ़े हैं ओर उन्हें मशहूर किया है, मसलन- क्वारैंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग, हॉट स्पॉट, सोशल बबल और भी कई। मास्कने भी इन्हीं की बिरादरी का है। मायने है- मास्क पहनने से होने वाले मुंहासे, कट के निशान, दाग, जलन...। इस मुश्किल वक्त में कोई घर से बाहर बिना मास्क के आखिर निकल भी कैसे सकता है। फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ केयर के लोग और दफ्तर जाने वालों के लिए तो ये बेहद जरूरी हो चला है। न्यूयॉर्क की क्लीनिकल डर्मैटोलॉजिस्ट, डॉक्टर ऑफ मेडिसिन, सेलेब्स स्किन और वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. किरन सेठी कहती हैं कि मेरे पास भी मास्कने के केस आ रहे हैं, पर बहुत ज्यादा नहीं। हालांकि, इसकी वजह यह भी हो सकती है कि मैं अभी सिर्फ वर्चुअल कंसल्टेंसी कर रही हूं और ज्यादातर लोग घर में रह रहे हैं। डाॅ. किरन मास्कने और मुंहासे से बचने के लिए फेसवॉस चेंज करने की सलाह देती हैं। कहती हैं कि ऐसे फेसवॉश यूज करें, जिसमें सेल्सलिक एसिड हो। इससे स्किन में ऑयल कम होता है। कम लेयर के मास्क पहनें, पसीना हो तो उसे साफ करें। पेट्रोलियम जेली और वैसलीन लगाने से भी चेहरे पर फ्रिक्शन नहीं आते हैं।
ब्रेकिंग न्यूज़ भारत में थम नहीं रहा कोरोना, 24 घंटे में 76 हज़ार से ज़्यादा मामले पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 76,472 नए मामले सामने आए हैं और 1,021 लोगों की मौत हुई है. इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मालमों की संख्या 34 लाख को पार कर गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अब कोरोना के कुल 34,63,973 मामले हैं जिनमें से 7,52,424 मामले सक्रिय हैं. संक्रमण के कारण अब तक कुल 62,550 मौतें हुई हैं और 26,48,999 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं.
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