ब्रेकिंग न्यूज़ भारत में थम नहीं रहा कोरोना, 24 घंटे में 76 हज़ार से ज़्यादा मामले पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 76,472 नए मामले सामने आए हैं और 1,021 लोगों की मौत हुई है. इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मालमों की संख्या 34 लाख को पार कर गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अब कोरोना के कुल 34,63,973 मामले हैं जिनमें से 7,52,424 मामले सक्रिय हैं. संक्रमण के कारण अब तक कुल 62,550 मौतें हुई हैं और 26,48,999 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं.


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*बारिश में भी सेवा में मुस्तैद रही पुष्कर मेडिकल टीम* पुष्कर के राजकीय अस्पताल के प्रभारी डॉ आरके गुप्ता के नेतृत्व में मेडिकल टीम विपरीत परिस्थितियों में भी पुष्कर को कोरोना से बचाने में पूरे जी जान से जुटी हुई है ।आज बारिश के बावजूद डॉ आरके गुप्ता और उनकी टीम बाइक पर छतरी लेकर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने के लिए पहुची ।वही दूसरी तरफ टीम ने कोरोना जाच के लिये सेम्पल लेने का काम भी जारी रखा ।आज खबरे लिखे जाने तक कोरोना जाच के लिए 28 सेम्पल लिए गए ।डॉ गुप्ता ने बताया कि जब मन मे सेवा का जज्बा होता है तो कोई बाधा आड़े नही आ सकती ।गौरतलब है कि गुप्ता और उनकी टीम ने लाक डाउन शुरू होते ही विदेशी नागरिकों की स्क्रीनिंग कर उन्हें स्वदेश भेजने,प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग कर अपने घर भेजने,वापसी पर इन मजदूरों की कोरोना सेम्पलिंग कर पुष्कर को सुरक्षित रखने,संदिग्धो के सेम्पल लेकर संक्रमण का पता लगाने,संक्रमितों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री खंगालकर संपर्क में आये लोगो की सेम्पलिंग करने,संक्रमित मरीजों के घर जाकर इलाज करने,होम कवारेटाइन करने,जरूरी मरीजों को इलाज के लिये अजमेर भेजने,घर घर जाकर सर्वे का करने सहित कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने में लगातार जुटी हुई है ।
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मिक्का सिंह पहुंचे पुष्कर, प्रसंसको में लगी सेल्फी लेने की होड़
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खूबसूरती को मास्क ने ढंका / लगातार मास्क पहनने से हो रहा 'मास्कने', एक्सपर्ट्स की सलाह- चेहरे को सेफ रखने के लिए मेकअप से दूरी बनाएं, पसीना पोछते रहें • हेल्थ वर्कर्स, दफ्तरों में लगातार मास्क पहनकर काम करने वालों को मास्कने की समस्या ज्यादा • जिनकी स्किन ज्यादा सेंसिटिव है, उन्हें भी खतरा, वे फेसवॉश चेंज करें, कम लेयर के मास्क पहनें • मास्क पहनने से पहले फेस पर पेट्रोलियम जेली और वैसलीन लगा सकते हैं, ताकि फ्रिक्शन न आए खूबसूरत चेहरा किसकी ख्वाहिश नहीं होती...हर किसी की तो होती है। लेकिन, कोरोना ने इस ख्वाहिश पर पहरेदार बिठा रखा है और जिम्मेदारी दे रखी है मास्क को। मास्क भी इसे निभाने पर आमादा है। लेकिन, इसमें जाने-अनजाने उससे थोड़ी सख्ती भी हो जा रही है। चेहरा मासूम और मुलायम जो है। मास्क चेहरों पर अपने निशां छोड़ने लगा है। किसी को रगड़ का दाग, तो कहीं कटने और फटने के निशान। मुहांसे और फुंसी के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इन सबको कहने के लिए एक नया शब्द भी आ धमका है- ‘मास्कने’। इस महामारी ने कई शब्द गढ़े हैं ओर उन्हें मशहूर किया है, मसलन- क्वारैंटाइन, सोशल डिस्टेंसिंग, हॉट स्पॉट, सोशल बबल और भी कई। मास्कने भी इन्हीं की बिरादरी का है। मायने है- मास्क पहनने से होने वाले मुंहासे, कट के निशान, दाग, जलन...। इस मुश्किल वक्त में कोई घर से बाहर बिना मास्क के आखिर निकल भी कैसे सकता है। फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ केयर के लोग और दफ्तर जाने वालों के लिए तो ये बेहद जरूरी हो चला है। न्यूयॉर्क की क्लीनिकल डर्मैटोलॉजिस्ट, डॉक्टर ऑफ मेडिसिन, सेलेब्स स्किन और वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. किरन सेठी कहती हैं कि मेरे पास भी मास्कने के केस आ रहे हैं, पर बहुत ज्यादा नहीं। हालांकि, इसकी वजह यह भी हो सकती है कि मैं अभी सिर्फ वर्चुअल कंसल्टेंसी कर रही हूं और ज्यादातर लोग घर में रह रहे हैं। डाॅ. किरन मास्कने और मुंहासे से बचने के लिए फेसवॉस चेंज करने की सलाह देती हैं। कहती हैं कि ऐसे फेसवॉश यूज करें, जिसमें सेल्सलिक एसिड हो। इससे स्किन में ऑयल कम होता है। कम लेयर के मास्क पहनें, पसीना हो तो उसे साफ करें। पेट्रोलियम जेली और वैसलीन लगाने से भी चेहरे पर फ्रिक्शन नहीं आते हैं।